The 2-Minute Rule for Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

तुमको निसदिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय…

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

Furthermore, camphor also has an excellent house of burning clean with no leaving any trace – a symbol that a single will have to let go in their egos to learn their spiritual progression.  

नीतीश पर क्यों भड़के हैं ओपी राजभर, खाल उधेड़ने तक की दे दी धमकी; अखिलेश-ममता को भी घेरा

It magnifies the effectively-staying of devotees and provides them with peace and serenity. Apart from constructive Electricity, burning ghee emits good vibrations and extends peace and calmness while in the feelings and steps of devotees.  

नीतीश पर क्यों भड़के हैं ओपी राजभर, खाल उधेड़ने तक की दे दी धमकी; अखिलेश-ममता को भी घेरा

जोकोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय…

ईश्वर की साधना के लिए की जाने वाली आरती आम तौर पर घरों में सुबह–शाम की जाती है लेकिन इसे दिन भर में एक से पांच बार की जा सकती है तथा आरती को हमेशा ऊंचे स्वर और एक ही लय ताल में गाया जाता है ऐसा करने पर पूजा स्थल का पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है और मन को सुकून देने वाला होता है।

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तुम बिन यज्ञ न have a peek here होते, वस्त्र न कोई पाता ।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता,

लेकिन अगर आपके सेहत व स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या है जिसके कारण आप खड़े होकर आरती click here नहीं कर सकते तो आप बैठकर भी आरती कर सकते हैं हालांकि सबसे महत्वपूर्ण आपकी शरदा है यह नहीं है कि आप खड़े होकर या बैठकर भगवान की पूजा अर्चना करते हैं आप चाहे खड़े हो या बैठे हो सबसे जरूरी है कि भगवान के प्रति आपकी शारदा!

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

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